bhairav kavach - An Overview
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महाकालोऽवतु क्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा
डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् में सर्वतः प्रभुः ।
सद्योजातस्तु मां पायात् सर्वतो देवसेवितः
ವಿಚರನ್ ಯತ್ರ ಕುತ್ರಾಪಿ ವಿಘ್ನೌಘೈಃ ಪ್ರಾಪ್ಯತೇ ನ ಸಃ
ಧ್ಯಾಯೇನ್ನೀಲಾದ್ರಿಕಾಂತಂ ಶಶಿಶಕಲಧರಂ ಮುಂಡಮಾಲಂ ಮಹೇಶಂ
जानू च घुर्घुरारावो जङ्घे रक्षतु रक्तपः
ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः ।
सततं पठ्यते यत्र तत्र भैरव संस्थितिः।।
ಮಹಾಕಾಲೋಽವತು ಚ್ಛತ್ರಂ ಸೈನ್ಯಂ ವೈ ಕಾಲಭೈರವಃ
कोटिजन्मार्जितं पापं तस्य नश्यति तत्क्षणात् ।
न शक्नोमि प्रभावं वै कवचस्यास्यवर्णितुम्।
आप नोकरी करते हो, व्यापार करते हो या किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, आईएस, आईपीएस, सिविल सर्विसेज आदि जैसी परीक्षा की तैयारी bhairav kavach कर रहे हो, तो आपको अवश्य ही अपराजिता स्तोत्र और बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करके जाना चाहियें, इसके पाठ से समस्त भय दूर होता है, और आपको निश्चित ही पूर्ण सफलता मिलती है।